प्राथमिक द्वितीयक एवं तृतीयक एल्कोहाॅल का विभेद (Distinction Between Primary, Secondary And Tertiary Alcohol) (Chemistry Solution...
प्राथमिक द्वितीयक एवं तृतीयक एल्कोहाॅल का विभेद
(Distinction Between Primary, Secondary And Tertiary Alcohol)
(Distinction Between Primary, Secondary And Tertiary Alcohol)
(Chemistry Solution)
प्राथमिक द्वितीयक एवं तृतीयक एल्कोहाॅल का विभेद
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(Distinction Between Primary,
Secondary And Tertiary Alcohol)
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एल्कोहाॅलों में भेद करने के लिये निम्न परीक्षण किये जाते है :-
(1) आॅक्सीकरण :-
तीनों प्रकार के एल्कोहाॅल भिन्न-भिन्न प्रकार के उत्पाद बनाते है, जिन्हें आसानी से राषायनिक क्रियाओं द्वारा पहचाना जा सकता है। एल्कोहाॅल के आॅक्सीकरण से क्या उत्पाद बनेगा, यह एल्कोहाॅल की प्रकृति पर निर्भर करता है।
(2) विहाइड्रोजनीकरण :-
वाष्प अवस्था में वाष्प् अवस्था में प्राथमिक और द्वितीयक एल्कोहाॅल, उत्प्रेरक ताॅंबे की उपस्थिती में हाइड्रोजन का निष्कासन करते है। इस क्रिया को विहाइड्रोजनीकरण कहते है।
इसके द्वारा क्रमषः एल्डिहाइड और कीटोन भिन्न अभिक्रिया द्वारा प्राप्त होते है।
(3) विक्टर मेयर परीक्षण (Victor Meyer’s Test) :-
इस
परीक्षण
में
एल्कोहाॅल
की
क्रिया
सर्वप्रथम
लाल
फाॅस्फोरस
और
आयोडीन
से
कराने
पर
क्रमानुसार
क्रमषः
प्राथमिक,
द्वितीयक
व
तृतीयक
आयोडोऐल्केन
बनते
है,
जिन्हें
सिल्वर
नाईट्रेट
की
क्रिया
द्वारा
उनके
नाईट्रोऐल्केन
में
परिवर्तित
करते
है।
इनकी
नाइट्रस
अम्ल
से
क्रिया
द्वारा
प्राप्त
उत्पादों
का
सोडियम
हाइड्रोक्साईड
से
अभिक्रिया
पर
विभिन्न
रंगो
के
उत्पाद
प्राप्त
होते
है।
इसलिये
इस
परीक्षण
का
उपयोग
प्रयोगषाला
में
किया
जाता
है।
(4) ल्यूकास परीक्षण (Lucas Test) :-
इस अभिकर्मक (निर्जर्ल ZnCl2 और सान्द्र HCl
का
मिश्रण)
से
क्रिया
कराने
पर
एल्कोहाॅलों
के
क्रमषः
क्लोराइड
बनते
है
जिनकी
इस
अभिकर्मक
में
विलेयता,
एल्कोहाॅलों
की
क्रियाषीलता
के
अनुसार,
भिन्न-भिन्न होती है। अतः सर्वाधिक क्रियाषीलता के कारण तृतीयक एल्कोहल तुरन्त ही अवक्षेप बनाते है। द्वितीयक एल्कोहाॅल कमरे के ताप पर पाॅंच मिनट बाद आविलता देते है किन्तु प्राथमिक एल्कोहाॅल गर्म करने पर श्वते आविलता देते है।
(5) ऐस्टरीकरण:-