बरनौली की प्रमेय (Theorem bernoulli) बरनौली की प्रमेय :- यह प्रमेय तरल की गति में उर्जा संरक्षण के सिद्धा...
बरनौली की प्रमेय
(Theorem bernoulli)
बरनौली की प्रमेय :-
यह प्रमेय तरल की गति में उर्जा संरक्षण के सिद्धान्त पर आधारित है। इस नियम के अनुसार, जब कोई अश्यान व असम्पीड्य तरल एक स्थान से दूसरे स्थान तक धारा रेखीय प्रवाह में प्रवाहित होता है तो मार्ग के प्रत्येक बिन्दु पर इसके एकांक आयतन की कुल उर्जा अर्थात् दाब उर्जा, गतिज उर्जा तथा स्थितिज उर्जा का योग नियत रहता है।
अर्थात् प्रति एकांक आयतन द्रव प्रवाह के लिये
उपरोक्त समी. में ɠg से भाग देने पर
h + v2/2g + P/ɠg = नियतांक
इस समीकरण में h को गुरूत्वीय शीर्ष v2/2g को वेग शीर्ष तथा P/ɠg को दाब शीर्ष कहते है। इन तीनों के योग को सम्पूर्ण शीर्ष कहा जाता है।
अतः बरनौली की प्रमेय को निम्न प्रकार से भी कहा जा सकता है :- धारा रेखीय प्रवाह में किसी आदर्श द्रव (अश्यान व असम्पीड्य ) के किसी बिन्दु पर गुरूत्वीय शीर्ष, दाब शीर्ष तथा वेग शीर्ष का योग नियत रहता है।
नोट :- जब प्रवाह क्षैतिज तल में हो तो
h1 = h2
बरनौली प्रमेय के समीकरण से यह स्पष्ट है कि किसी बहते हुए द्रव के जिस स्थान पर द्रव का वेग कम होता है, वहां दाब अधिक होता है तथा जिस स्थान पर वेग अधिक होता है वहां दाब कम होता है।