जनपद काल:- मत्स्य जनपद :- अलवर का क्षेत्र तथा वर्तमान जयपुर इस जनपद मे शामिल था। राजधानी विराटनगर। वर्तमान में राज्य का पू...
जनपद काल:-
मत्स्य जनपद :-
अलवर का क्षेत्र तथा वर्तमान जयपुर इस जनपद मे शामिल था।
राजधानी विराटनगर।
वर्तमान में राज्य का पूर्वी भाग मत्स्य क्षेत्र कहलाता है।
इसमें अलवर, करौली, दौसा एवं भरतपुर जिले का कुछ भाग आता है।
मत्स्य शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है जहां मत्स्य निवासियों को सुदास का शत्रु बताया गया है।
कुरू जनपद :-
वर्तमान उतरी अलवर इसका प्रमुख क्षेत्र था।
राजधानी इन्द्रपथ।
जांगल:-
बीकानेर और जोधपुर जिलों को महाभारत काल में कहा जाता है।
शूरसेन जनपद :-
इसका क्षेत्र वर्तमान पूर्वी अलवर, धौलपुर, भरतपुर तथा करौली था।
राजधानी मथुरा।
शिवि जनपद :-
मेवाड़ प्रदेश (चितौड़गढ) नामकरण की दृष्टि से द्वितीय शताब्दी में शिव जनपद (राजधानी माध्यमिका) के नाम से प्र्रसिद्ध था। बाद में ‘प्राग्वाट‘ नाम का प्रयोग हुआ।
कालान्तर में इस भू भाग को ‘मेदपाट‘ नाम से सम्बोधित किया गया।
इस जनपद का उल्लेख पाणिनी कृत अष्टाध्यायी से मिलता है।
उतरी राजस्थान में यौद्धेय जाति का जनपद स्थापित हुआ।