राजपूत वंश (Rajput clans) राजपूत वंश :- राजपूत युग 7 वीं शताब्दी ई. से 12 वीं शताब्दी ई. के मध्य माना गया है। राजपूत शब्द संस्...
राजपूत वंश (Rajput clans)
राजपूत वंश :-
राजपूत युग 7 वीं शताब्दी ई. से 12 वीं शताब्दी ई. के मध्य माना गया है।
राजपूत शब्द संस्कृत के राजपुत्र शब्द से उत्पन्न माना गया है जो विशेष तौर पर एक यौद्धा जाति के लिये प्रयोग किया गया।
चन्दबरदाई ने हिंगल भाषा में रचित पृथ्वीराज रासो में राजपूतों की उत्पत्ति अग्निकुल से मानी है। इसके अनुसार जब पृथ्वी पर राक्षसों का आतंक बढ गया तो महर्षि वशिष्ठ ने इनके विनाश के लिये आबू पर्वत पर यज्ञ किया। यज्ञ की छवि से प्रतिहार, परमार, चैहान व चालुक्य की उत्पति हुई।
कर्नल जेम्स टाॅड ने राजपूतों की उत्पति विदेशी जातियों से मानी है।
नयनचन्द्र सूरी द्वारा लिखित हम्मीर महाकाव्य में चैहानों को सूर्यवंशी माना गया है।
सी.वी. वैद ने राजपूतों को विशुद्ध भारतीय माना है।
गौरीशंकर ओझा ने इन्हें क्षत्रिय बताया।
राजपूत युग के मंदिर प्रमुखतः नागर और बेसर शैली में बनवाये गये।