महाराजा रामसिंह : (Maharaja Ramsingh) : (1667-1689 ई.) : • शाहजहाँ के पुत्रों की लड़ाई में ये अपने पिता के साथ पहले दाराशिकोह...
महाराजा रामसिंह :
(Maharaja Ramsingh) :
(1667-1689 ई.) :
• शाहजहाँ के पुत्रों की लड़ाई में ये अपने पिता के साथ पहले दाराशिकोह के पक्ष में लड़े किन्तु बाद में औरंगजेब के पक्ष में हो गए।
• शिवाजी जब मुगल दरबार में 13 मई, आए इनकी 1666 को तब ही निगरानी में रखे गए अपने पिता के वचनों के अनुसार इन्होंने शिवाजी की पूर्णतया रक्षा की।
• रामसिंह के दरबार में कुलपति मिश्र ने ब्रजभाषा में रसरहस्य' की रचना की।
• इनके काल में अनेक ग्रन्थों की रचना की गई जिनमें मुहूर्त तत्व (लेखक-गणेश देवल) चगता पातशाही (लेखक - दलपतिराम, राजनीति निरूपणवैद्य बिनोद संहिता (लेखक-शंकर भट्ट) प्रमुख हैं।
• शिवाजी जब मुगल दरबार में 13 मई, आए इनकी 1666 को तब ही निगरानी में रखे गए अपने पिता के वचनों के अनुसार इन्होंने शिवाजी की पूर्णतया रक्षा की।
• रामसिंह के दरबार में कुलपति मिश्र ने ब्रजभाषा में रसरहस्य' की रचना की।
• इनके काल में अनेक ग्रन्थों की रचना की गई जिनमें मुहूर्त तत्व (लेखक-गणेश देवल) चगता पातशाही (लेखक - दलपतिराम, राजनीति निरूपणवैद्य बिनोद संहिता (लेखक-शंकर भट्ट) प्रमुख हैं।